गढ़शंकर, 26 अप्रैल : राज्य के एनपीएस कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष कर रहे पुरानी पेंशन संरक्षण फ्रंट (पीपीपीएफ) ने अध्यापक नेता सुखदेव डानसीवाल, बलकार सिंह मघानिया और राजदीप सिंह की अध्यक्षता में ब्लॉक कमेटी की बैठक की। जिसमें 1 मई मजदूर दिवस पर आप सरकार के कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों के कार्यालयों/घरों के समक्ष जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन की तैयारी की गई। बैठक में पुरानी पेंशन अधिसूचना को लागू करने से इंकार करने पर आप सरकार के खिलाफ एक मई को होने वाले विरोध प्रदर्शन का संदेश विभिन्न विभागों के कर्मचारियों तक पहुंचाने के लिए एक बड़ा तैयारी अभियान शुरू करने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक की जानकारी देते हुए ब्लॉक गढ़शंकर के नेता विनय कुमार और जगदीप कुमार ने कहा कि 1 मई को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मजदूर वर्ग के हितों की रक्षा और लुटेरी पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक है। वर्तमान विश्व साम्राज्यवादी व्यवस्था में, जहां साम्राज्यवादी देश विकासशील देशों की बांह मरोड़कर कॉरपोरेट समर्थक नीतियां लागू कर रहे हैं। वहीं भारत जैसे देशों के शासक इन साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ खड़े होने के बजाय देश के मानव और प्राकृतिक संसाधनों की लूट को और तेज कर रहे हैं। वर्तमान केंद्रीय मोदी सरकार और पंजाब की आप सरकार की कार्यप्रणाली और दिशा केवल साम्राज्यवादी नीतियों को आगे बढ़ाने वाली साबित हुई है। कर्मचारियों के भारी विरोध के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा लाई गई भ्रामक यूपीएस योजना तथा पंजाब सरकार द्वारा 18 नवंबर 2022 को की गई पुरानी पेंशन की अपनी ही अधिसूचना को दरकिनार कर यूपीएस योजना को लागू करने की ओर बढ़ना, कॉरपोरेट मुनाफे के लिए की जा रही सेवा का ही परिचायक है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों से पुरानी पेंशन की अधिसूचना लंबित है। कहा कि एक भी एनपीएस कर्मचारी का जीपीएफ खाता नहीं खोला गया, लेकिन प्रदेश में पुरानी पेंशन लागू करने के झूठे विज्ञापन पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए। इसके अलावा विधानसभा के चौथे बजट में पुरानी पेंशन को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, जो कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा धोखा है।मोर्चा के नेताओं ने आरोप लगाया कि आप सरकार बेरोजगार शिक्षकों पर अंधाधुंध अत्याचार करके और पुलिस बल के जरिए किसान आंदोलन को दबाकर लोकतांत्रिक संघर्षों को दबाने की दमनकारी नीति लागू कर रही है। मजदूर दिवस के गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेते हुए पुरानी पेंशन के मुद्दे पर आप सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शनों में पुरानी पेंशन की अधिसूचना लागू करने के लिए आवाज उठाई जाएगी। इस मौके पर जरनैल सिंह, रमेश मलकोवाल, जसविंदर सिंह जस्सोवाल, कुलजीत सिंह, अमरजीत सिंह बंगड़, सतपाल कलेर, मनदीप सिंह, सुनीता कुमारी आदि मौजूद थे।
फोटो : अध्यापक नेता सुखदेव डानसीवाल, बलकार सिंह मघानिया और राजदीप सिंह व अन्य नेता।
बैठक की जानकारी देते हुए ब्लॉक गढ़शंकर के नेता विनय कुमार और जगदीप कुमार ने कहा कि 1 मई को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मजदूर वर्ग के हितों की रक्षा और लुटेरी पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक है। वर्तमान विश्व साम्राज्यवादी व्यवस्था में, जहां साम्राज्यवादी देश विकासशील देशों की बांह मरोड़कर कॉरपोरेट समर्थक नीतियां लागू कर रहे हैं। वहीं भारत जैसे देशों के शासक इन साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ खड़े होने के बजाय देश के मानव और प्राकृतिक संसाधनों की लूट को और तेज कर रहे हैं। वर्तमान केंद्रीय मोदी सरकार और पंजाब की आप सरकार की कार्यप्रणाली और दिशा केवल साम्राज्यवादी नीतियों को आगे बढ़ाने वाली साबित हुई है। कर्मचारियों के भारी विरोध के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा लाई गई भ्रामक यूपीएस योजना तथा पंजाब सरकार द्वारा 18 नवंबर 2022 को की गई पुरानी पेंशन की अपनी ही अधिसूचना को दरकिनार कर यूपीएस योजना को लागू करने की ओर बढ़ना, कॉरपोरेट मुनाफे के लिए की जा रही सेवा का ही परिचायक है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों से पुरानी पेंशन की अधिसूचना लंबित है। कहा कि एक भी एनपीएस कर्मचारी का जीपीएफ खाता नहीं खोला गया, लेकिन प्रदेश में पुरानी पेंशन लागू करने के झूठे विज्ञापन पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए। इसके अलावा विधानसभा के चौथे बजट में पुरानी पेंशन को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, जो कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा धोखा है।मोर्चा के नेताओं ने आरोप लगाया कि आप सरकार बेरोजगार शिक्षकों पर अंधाधुंध अत्याचार करके और पुलिस बल के जरिए किसान आंदोलन को दबाकर लोकतांत्रिक संघर्षों को दबाने की दमनकारी नीति लागू कर रही है। मजदूर दिवस के गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेते हुए पुरानी पेंशन के मुद्दे पर आप सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शनों में पुरानी पेंशन की अधिसूचना लागू करने के लिए आवाज उठाई जाएगी। इस मौके पर जरनैल सिंह, रमेश मलकोवाल, जसविंदर सिंह जस्सोवाल, कुलजीत सिंह, अमरजीत सिंह बंगड़, सतपाल कलेर, मनदीप सिंह, सुनीता कुमारी आदि मौजूद थे।
फोटो : अध्यापक नेता सुखदेव डानसीवाल, बलकार सिंह मघानिया और राजदीप सिंह व अन्य नेता।