चंडीगढ़ : पाकिस्तान में छिपे खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह रोडे की मौत हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, लखबीर सिंह रोडे की 2 दिसंबर को पाकिस्तान में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। लखबीर सिंह रोडे 72 साल के थे। इस बीच, लखबीर सिंह रोडे की मौत की खबर लीक होने से रोकने के लिए पाकिस्तान में उनका गुपचुप तरीके से सिख रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर दिया गया। लखबीर सिंह रोडे जरनेल सिंह भिंडरावाले के भतीजे थे।
लखबीर सिंह रोडे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर पंजाब में भारत के विरूद्ध आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। इसके अलावा, लखबीर सिंह रोडे पाकिस्तान से भारत में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) का संचालन कर रहा था। इसी साल अक्टूबर में पंजाब में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मोगा के कोठे गुरुपारा (रोडे) गांव में छापेमारी की थी। उस वक्त लखबीर सिंह रोडे की संपत्ति जब्त कर ली गई थी। लखबीर सिंह रोड पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 33 (5) के तहत मामला दर्ज किया गया था। लखबीर सिंह रोडे पाकिस्तान में छिपा हुआ था और उसे आईएसआई का समर्थन प्राप्त था।
पंजाब की खुफिया एजेंसियों ने बताया कि उसने पंजाब में आतंक मचाने के लिए कई स्लीपर सेल बनाए थे, जिनका इस्तेमाल वे कभी भी कर सकते थे। लखबीर सिंह रोडे पर दिल्ली में केस दर्ज किया गया था, जिस पर अदालत ने उनकी कुल जमीन का 1/4 हिस्सा सील करने का आदेश दिया था। अदालत के आदेश के बाद एनआईए की टीम ने उसकी जमीन को सील कर उस पर सरकारी बोर्ड लगा दिया।