कंस्ट्रक्शन सामग्री महंगी होने से निर्माणकार्य रुके
गढ़संकर : प्रदेश सरकार द्वारा माइनिंग रोकने के लिए चलाई गई मुहिम जमीनी कटाव को रोकने के लिए जरुरी है परंतु कारगर योजना के अभाव से माइनिंग का कार्य पूरी तरह से नहीं रुक रहा है। पहले की भांति माइनिंग का धंधा ज्यों का त्यों चल रहा है। इसी प्रकार आम पब्लिक की समस्याओं में लगातार वृद्धि हो रही है। यह बात आदर्श सोशल वैल्फेयर सोसायटी पंजाब के संस्थापक सतीश कुमार सोनी ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि भवन निर्माण बनाने हेतु जरुरी सामग्री के मूल्यों में दो से तीन गुणा तक वृद्धि हो गई है। जिससे लोगों के निर्माणकार्य प्रभावित हो रहे हैं। यहां तक कि अधिकतर निर्माणकार्य बंद हो चुके हैं। जिससे मजदूर वर्ग बेकार हो गया है। उन्होंने कहा कि जो रेत की ट्राली पहले 3000-3500 रुपये मिल जाती थी, वह अब 6000 से 8500 रुपये में मिल रही है। इसी प्रकार भरती वाली ट्राली की लागत 600 रुपये से बढक़र 1000 से अधिक पहुंच गई है। इसके अलावा ईंट व सीमैंट के रेटों में जबरदस्त वृद्धि हो चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार माइनिंग को लेकर कारगर योजना बनाने में नाकाम हुई है। जिससे माइनिंग ठेकेदार मनमर्जी बरतते रहे हैं और इससे मजदूर वर्ग की समस्याएं गहरा गई हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि जल्द से माइनिंग नीति तैयार करके कंस्ट्रक्शन सामग्री के बढ़ते मूल्यों पर नकेल डाली जाए।