समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की जानकारी को चलेगा विशेष अभियान
नीरज नैय्यर ने चंबा-अचंभा फोटो कंटेस्ट- 2024 के विजेता किए पुरस्कृत
पर्यटन व्यवसाय से जुड़े संस्थाओं के समन्वित प्रयास महत्वपूर्ण : उपायुक्त
एएम नाथ। चंबा : विधायक नीरज नैय्यर ने कहा कि ज़िला चंबा का गौरवशाली इतिहास तथा अति समृद्ध पारंपरिक लोककला एवं संस्कृति ज़िला में पर्यटन विकास के लिहाज से महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
नीरज नैय्यर आज भूरी सिंह संग्रहालय में पर्यटन विकास , भाषा एवं संस्कृति विभाग, नॉट ऑन मैप तथा भूरी सिंह संग्रहालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित चंबा दिवस-2025 कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भाग लेते हुए बोल रहे थे ।
उपायुक्त मुकेश रेपसवाल कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
नीरज नैय्यर ने चंबा दिवस-2025 तथा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पारंपरिक लोककला एवं संस्कृति के संरक्षण के साथ पिछड़ेपन को एक अवसर रूप में स्वीकार कर लोग पर्यटन व्यवसाय से जुड़कर अपनी आर्थिकी को सशक्त बना सकते हैं।
उन्होंने ज़िला की समृद्ध विरासत तथा गौरवशाली इतिहास का अपने संबोधन में उल्लेख करते हुए कहा कि चंबा दिवस कार्यक्रम 8 मार्च 1948 को चंबा रियासत के भारत में विलय की याद दिलाता है, जिसने हिमाचल प्रदेश को आकार देने का भी काम किया था।
नीरज नैय्यर ने कहा कि चंबा दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य ज़िला के स्वर्णिम इतिहास तथा समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में लोगों को जानकारी उपलब्ध करवाना है । उन्होंने कहा कि इसके लिए एक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा ।
साथ में उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार ज़िला में ढांचा गत सुविधाओं को बढ़ाने के साथ-साथ सड़क नेटवर्क के विस्तार को भी विशेष प्राथमिकता प्रदान कर रही है।
पर्यटन गतिविधियों के प्रसार को लेकर ज़िला कांगड़ा-चंबा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है।
नीरज नैय्यर ने इस दौरान पर्यटन विभाग के सौजन्य से आयोजित चंबा-अचंभा फोटो कंटेस्ट- 2024 के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए।
उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने अपने विशिष्ट अतिथि संबोधन में कहा कि ज़िला चूंकि ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। साथ में पर्यटन विकास के लिहाज से सभी प्राकृतिक संसाधन भी उपलब्ध हैं। ऐसे में पर्यटन व्यवसाय से जुड़ी सभी संस्थाओं के समन्वित प्रयास सकारात्मक परिणाम लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने ज़िला प्रशासन द्वारा पर्यटन विकास से संबंधित कार्यों की जानकारी साझा करते हुए सभी महत्वपूर्ण स्थानों में साइन बोर्ड स्थापित करने का भी आश्वासन दिया।
कार्यक्रम में पर्यावरणविद एवं इतिहासकार डॉ.कुलभूषण उपमन्यु ने वर्चुअल माध्यम से ज़िला के स्वर्णिम इतिहास से संबंधित जानकारी साझा की।
इस दौरान सहायक आयुक्त पीपी सिंह, ज़िला पर्यटन विकास अधिकारी राजीव मिश्रा, ज़िला भाषा अधिकारी तुकेश शर्मा, सहायक अभियंता तेजू राम ठाकुर , क्यूरेटर भूरी सिंह संग्रहालय सुरिन्दर ठाकुर, प्रधान खब्बी धार पर्यटन विकास संगठन राजिंद्र ठाकुर, उप प्रधान रविंद्र ठाकुर, इटालियन शोधकर्ता लॉरेंजो, स्थानीय बुद्धिजीवी एवं पर्यटन व्यवसाय से जुड़े प्रकाश धामी, बलदेव खोसला , भूपेंद्र जसरोटिया, मनीष जमवाल सहित विभिन्न गणमान्य लोगों ने भी अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम का संचालन नोट ऑन मैप संस्था से मनुज शर्मा ने किया।
इस दौरान ज़िला के प्रसिद्ध कलाकार काकू राम ठाकुर, गुलशन पाल ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर भूरी सिंह संग्रहालय में चंबा की महिला कलाकारों द्वारा तैयार की गई पारंपरिक कलाकृतियों की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।