ड्रोन तकनीक से खेतों में कीटनाशक व खाद का कर सकेंगे छिड़काव : 10 लीटर क्षमता वाले ड्रोन की कीमत 6 से 10 लाख

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मंडी। जिले में किसान और बागवान अब ड्रोन तकनीक से खेतों और बगीचों में कीटनाशक और खाद का छिड़काव कर सकेंगे। कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर ने धनोटू विकास खंड के पलोहटा गांव में लगभग 50 किसानों के सामने खेतों में ड्रोन से धान की फसल में नैनो यूरिया का छिड़काव किया। ड्रोन तकनीक से अवगत करवाने के लिए केंद्र सरकार ने मंडी जिले में 17.50 लाख की परियोजना स्वीकृत की है। इसके तहत कृषि और बागवानी बहुल क्षेत्रों में विभागों के तकनीकी अधिकारी ड्रोन का ट्रायल करेंगे और किसानों को इस तकनीक के बारे में रूबरू करेंगे। पहले चरण में सुंदरनगर और बल्ह में यह काम शुरू हो गया है।

केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. पंकज सूद के अनुसार ड्रोन तकनीक से एक एकड़ क्षेत्रफल में 10 लीटर स्प्रे लगभग 10 मिनट में किया गया। उन्होंने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की ओर से कृषि में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए 17.50 लाख की परियोजना स्वीकृत की गई है।विशेषज्ञों के अनुसार कीटनाशक और खाद के छिड़काव के साथ-साथ फसलों की बुआई के लिए एग्री ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है। फसल कितनी होगी, इसका भी सटीक अंदाजा लगाया जा सकता है।

– इस सिस्टम से कीटनाशकों के संपर्क में आने पर भी नहीं पड़ेगा विपरीत असर

चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से जीआई एक्सपर्ट कुणाल सूद के अनुसार फसलों को रोग और कीटों से बचाने के लिए बहुत से कीटनाशक इस्तेमाल होते हैं। इन्हें प्रचलित तरीके से खेतों में प्रयोग करने में किसानों की अधिक लेबर व अधिक मात्रा में कीटनाशकों के साथ पानी की ज्यादा खपत होती है। साथ ही कीटनाशकों के संपर्क में आने से मानव, पशु स्वास्थ्य व पर्यावरण पर भी विपरीत असर पड़ता है। इसलिए कृषि के वर्तमान परिवेश में ड्रोन तकनीक काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।

– 10 लीटर क्षमता वाले ड्रोन की कीमत 6 से 10 लाख

आईआईटी मंडी के आईटी एक्सपर्ट प्रो. वरुण कुमार की मानें तो फिलहाल सभी किसानों के लिए ड्रोन खरीद पाना संभव नहीं है। यह काफी महंगे हैं। 10 लीटर क्षमता वाले ड्रोन की कीमत 6-10 लाख रुपये के करीब है। ड्रोन उड़ाने के लिए किसान को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग भी लेनी होगी। केवल डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन सर्टिफाइड पायलट ही एग्री ड्रोन उड़ा सकते हैं।

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