चंडीगढ़ : सतलुज-यमुना लिंक मामले में आप के नेता एवं प्रवक्ता मालिवंदर सिंह कंग ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और दरबारा सिंह पर पंजाब के पानी से समझौते के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रकाश सिंह बादल ने 20 फरवरी 1978 को एक लेटर निकाली। इसमें जमीन अधिग्रहण एक्ट-1894, लेटर नंबर-113/5 के माध्यम से पटियाला और राजपुरा के आसपास से जमीन अधिग्रहण का नोटिफिकेशन किया था। इसी आधार पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवी लाल ने 1 मार्च 1978 को हरियाणा विधानसभा में प्रदेश को पानी मिलने की खुशखबरी सुनाई थी।
जमीन अधिग्रहण का नोटिफिकेशन ऑन रिकॉर्ड :
कांग्रेस और शिअद के नेताओं ने निजी स्वार्थ और निजी रिश्तों के लिए पंजाब के पानी से समझौता किया। प्रकाश सिंह बादल द्वारा की गई नोटिफिकेशन ऑन रिकॉर्ड है। कंग ने कहा कि साल 1980 में पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने पर दरबारा सिंह मुख्यमंत्री बने। 22 जुलाई 1981 को इंदिरा गांधी ने एक मीटिंग बुलाई। इसमें हरियाणा-पंजाब और राजस्थान के मुख्यमंत्री को बुलाया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री के सामने इंदिरा गांधी ने रखी शर्त :
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पंजाब के उस समय के मुख्यमंत्री दरबारा सिंह के सामने शर्त रखी थी कि वह पानी के बंटवारे के दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दें या पूर्व मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दें। दरबारा सिंह ने कुर्सी छोड़ने के बजाय पंजाब के पानी से समझौता कर लिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट भी दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन ने चांदी की लाकर दी कस्सी : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 8 अप्रैल 1982 को इंदिरा गांधी को कपूरी में चांदी की कस्सी पकड़ाई थी। उस दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस से सांसद थे। यदि सत्ताधारी दलों के नेता पहले पंजाब का पक्ष मजबूती से रखते तो आज यह हालात नहीं होते। कंग ने राइपेरियन नीति के अनुसार पंजाब को ही पानी मिलने की बात कही।
इंदिरा गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री दरबारा सिंह के सामने रखी थी शर्त : इंदिरा गांधी को पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन ने कपूरी में चांदी की पकड़ाई थी कस्सी
Jan 05, 2023