चंडीगढ़ : पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि बातचीत के लिए चंडीगढ़ आए केंद्र के मंत्री पंजाब में पैदा होने वाली फसलों पर एमएसपी की गारंटी देने को तैयार हो गए थे, लेकिन पेंच 23 फसलों पर एमएसपी की गारंटी का फंस गया। पंजाब के किसान नेता 23 फसलों पर एमएसपी की गारंटी मांग रहे थे। जाखड़ ने पंजाब के किसान नेताओं से सवाल किया है कि वह जिन 23 फसलों पर एमएसपी मांग रहे हैं, उससे पंजाब को क्या फायदा होगा?
पंजाब भाजपा मुख्यालय में रविवार को बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में सुनील जाखड़ ने युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत पर दुख जताते हुए, आंदोलन कर रहे किसानों की मंशा पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि किसान नेता युवा वर्ग की भावनाओं से खेल रहे हैं और अपने निजी स्वार्थ के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। जाखड़ ने कहा कि पंजाब के किसान संगठन जिन 23 फसलों पर एमएसपी दिए जाने की मांग कर रहे हैं, वह पंजाब में उगाई ही नहीं जातीं। युवाओं को अपने धरनों में बैठाने वाले किसान नेता बताएं कि पंजाब में धान-गेहूं के अलावा और कौन सी फसल वह उगाना चाहते हैं, जिसके लिए उन्हें एमएसपी चाहिए।
जाखड़ ने यह भी कहा कि राज्य के किसानों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। पंजाब के कंधे पर बंदूक रखकर चलाई जा रही है। अगर केंद्र सभी फसलों पर एमएसपी लागू कर दे तो क्या पंजाब के किसान धान-गेहूं छोड़कर ज्वार, बाजरा, मूंग, रागी उगाएंगे? वह खुद भी किसान के बेटे हैं और किसानों के मुद्दों पर बात करने के लिए दिल्ली जाने को तैयार हैं, लेकिन असलियत यह है कि पंजाब के किसानों का गलत इस्तेमाल हो रहा है।
जाखड़ ने किसान शुभकरण की मौत पर दुख जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि शुभकरण सिंह की मौत की घटना का सारा सच सामने आए। इस मामले में आरोपियों को कठोर सजा मिलनी चाहिए, लेकिन यह युवा किसान कैसे आंदोलन में पहुंचा, इस बारे में किसान संगठन बताएंगे? पंजाबियों को बहादुरी के लिए किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यूपी में राकेश टिकैत बड़े किसान नेता हैं, लेकिन वह वहां संघर्ष नहीं कर रहे हैं। बाकी राज्यों में 5 एकड़ तक की फसल एमएसपी पर खरीदी जाती है, जबकि पंजाब में किसानों से पूरी फसल खरीदी जा रही है। एसएसपी समस्या नहीं है बल्कि पंजाब को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। फसलों की एमएसपी पर खरीद की जरूरत अन्य राज्यों में चाहिए, लेकिन हालात यह है कि इसे लेकर पंजाब के किसान पिट रहे हैं।