शिमला। हिमाचल प्रदेश में सर्विस वोटर और चुनाव ड्यूटी वाले कर्मचारियों के पोस्टल बैलेट वापस नहीं आने का मामला तूल पकड़ रहा है। कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के दबाव में प्रशासन पर गड़बड़ी करने की आशंका जाहिर की है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव देवेंद्र बुशहरी ने कहा कि देवभूमि के जो कर्मचारी प्रदेश से बाहर सेना, आईटीबीपी तथा अन्य विभागों में सेवाएं दे रहे हैं। जिन कर्मचारियों ने चुनाव में ड्यूटी दी है, उनको भेजे गए पोस्टल बैलेट वापस नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आशंका जताई कि एपीएस के कारण हिमाचल का कर्मचारी भाजपा के खिलाफ है। इस वजह से जानबूझकर पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी की जा रही है। ऐसा ही एक मामला सिरमौर जिला के शिलाई उपमंडल में देखने को मिला, जहां पर 40 से अधिक पुलिस कर्मियों के पोस्टल बैलेट गुम हुए हैं। अन्य उपमंडलों में भी ऐसा ही होने की संभावना है। कांग्रेस महासचिव ने पोस्टल बैलेट मामले में ढुलमुल रवैया अपनाने वाले अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि 8 दिसंबर के बाद कांग्रेस की सरकार बनने पर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) से आग्रह किया कि पोस्टल बैलेट को लेकर मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए और उन पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
देवेंद्र बुशहरी ने बताया कि इलेक्शन कमीशन द्वारा प्रदेश में कुल 1 लाख 27 हजार 287 डाक मत पत्र जारी किए गए थे। जिसमें से विभाग को सिर्फ 47 हजार 276 डाक मत पत्र ही वापिस मिले हैं। जिसमें से चुनाव डयूटी में तैनात कर्मचारियों को 59 हजार 728 डाक मत पत्र जारी किए गए थे। 2 दिन पहले तक केवल 32 हजार 177 डाक मत पत्र संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) को वापस मिले हैं। इसके अलावा सैन्य कर्मियों के लिए 67 हजार 559 डाक मत पत्र जारी किए गए थे, जिसमें से सिर्फ 15 हजार 99 ही वापस मिल पाए हैं। यानी लगभग 34 प्रतिशत पोस्टल ही वापस मिले हैं।
सिर्फ 34 % पोस्ट वैलेट संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर को वापिस मिले : कांग्रेस ने भाजपा पर लगाए गड़बड़ी के आरोप
Nov 29, 2022