चंडीगढ़ : देश में आतंकवादी-गैंगस्टर-ड्रग तस्कर गठजोड़ का भंडाफोड़ करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में 32 स्थानों पर छापेमारी की हैं। अधिकारियों ने कहा कि छापेमारी आज सुबह शुरू हुई और आतंकवाद निरोधक एजेंसियों की कई टीमों ने राज्य पुलिस बलों के साथ निकट समन्वय में तलाशी ली। एजेंसी द्वारा हरियाणा के झज्जर और सोनीपत में अन्य स्थानों की भी तलाश की जा रही है। एजेंसी के अधिकारियों ने कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के संगठित आतंकी-अपराध सिंडिकेट से जुड़े सदस्यों के ठिकानों की तलाशी ली।
एनआईए द्वारा 6 जनवरी को लॉरेंस बिश्नोई की चार संपत्तियों को जब्त करने के कुछ दिनों बाद यह छापेमारी हुई। इनमें से तीन संपत्ति अचल और एक चल संपत्ति थी। इन संपत्तियों को पहले गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के प्रावधानों के तहत हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में एनआईए टीमों द्वारा समन्वित तरीके से जब्त किया गया था। आतंकी साजिशों को अंजाम देने और गंभीर अपराधों को अंजाम देते थे।
कुर्क की गई संपत्तियों में फ्लैट-77/4, अशरे-1, सुलभ आवास योजना, सेक्टर-1, गोमती नगर एक्सटेंशन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश शामिल है, जो लखनऊ, उत्तर प्रदेश में एक आतंकवादी गिरोह के नेता विकास सिंह से संबंधित है। कुर्क की गई दो अन्य संपत्तियां आरोपी दलीप कुमार उर्फ भोला उर्फ दलीप बिश्नोई के गांव बिशनपुरा, फाजिल्का, पंजाब में हैं। हरियाणा के यमुनानगर निवासी जोगिंदर सिंह के नाम पर पंजीकृत फॉर्च्यूनर कार भी जब्त कर ली गई है।
एनआईए की जांच के अनुसार, विकास सिंह लॉरेंस बिश्नोई का साथी है, जिसने पंजाब पुलिस मुख्यालय पर रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) हमले में शामिल आरोपियों सहित आतंकवादियों को शरण दी थी। जबकि जोगिंदर सिंह लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी गैंगस्टर काला राणा के पिता हैं। जोगिंदर सिंह आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हथियार और गोला-बारूद के परिवहन के लिए अपनी फॉर्च्यूनर कार का उपयोग करने की अनुमति देकर गिरोह के सदस्यों की मदद कर रहा था।
आरोपी दिलीप कुमार की संपत्ति का इस्तेमाल हथियार रखने और छुपाने और आतंकवादी गिरोह के सदस्यों को आश्रय देने के लिए ठिकाने और गोदाम के रूप में किया जा रहा था। एनआईए ने अगस्त 2022 में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ यूए(पी)ए के तहत मामला दर्ज किया था। एजेंसी की जांच से पता चला कि गिरोह ने देश के कई राज्यों में माफिया शैली के आपराधिक नेटवर्क फैलाए थे। ये नेटवर्क कई सनसनीखेज अपराधों में शामिल थे, जैसे लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के साथ-साथ प्रदीप कुमार जैसे धार्मिक और सामाजिक नेताओं की हत्या के अलावा, व्यापारियों और पेशेवरों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली।
एनआईए की जांच से यह भी पता चला कि इनमें से कई आतंकी साजिशें पाकिस्तान और कनाडा सहित विदेशों से या भारत भर की जेलों से संचालित संगठित आतंकी संगठनों के नेताओं द्वारा रची गई थीं। ऐसे आतंकवादी और माफिया नेटवर्क और उनके समर्थन बुनियादी ढांचे को बाधित और नष्ट करने के अपने प्रयासों के तहत, एनआईए ने हाल के महीनों में कई लक्ष्यीकरण रणनीतियों को अपनाया है, जिसमें ‘आतंकवाद की आय’ से प्राप्त उनकी संपत्तियों को जब्त करना और जब्ती शामिल है।