गढ़शंकर। बीनेवाल से मैंहिदवानी और बीनेवाल से हिमचाल प्रदेश के सिंगा की सीमा तक की सडक़ों दर्जनों जगहों से खड्ड का रूप धारण कर चुकी है। सडक़ के निर्माण के बाद कभी भी विभाग ने इस सडक़ की रिपेयर नहीं की। लिहाजा इन सडक़ों से गुजरना है तो जोखिम उठाकर ही गुजर सकते है।
बीनेवाल से मैहिंदवानी व बीनेवाल से हिमाचल प्रदेश के सिंगा की सीमा तक की सडक़ का निर्माण करीव साढ़े तीन वर्ष पहले हुया था। अव इन सडक़ों में गड्डे दो से तीन फुट के गहरे और पचास से सौ फुट के लंबे गड्डों की भरमार हो चुकी है। कई जगह तो गड्डों में पानी इतना भर जाता है कि वहां से दो पहिया वाहनों का तो वहां से गुजरना नामुमकिन है ही और चार पहियां वाहनो का इन्में से निकलना खतरनाक है कि वहां से गाड़ी निकलने पर नीचे से कोई पत्थर टकरा गया तो चैंबर का काम तमाम हो सकता है। उकत सडक़ों के निर्माण के बाद विभाग के अधिकारियों ने कभी शायद इन सडक़ों की हालत का जायजा लेना भी जरूरी नहीं समझा। रिपेयर करने की बात तो दूर की है। इन सडक़ो का समय से पहले विखर जाने के बावजूद विभाग दुारा कभी सडक़ बनाने वाले ठेकेदार खिलाफ कार्रवाई ना करने के पीछे भी कई तरह के विभाग के अधिकारियों पर कई तरह के स्वाल उठते है।
पंचायत समिति सदस्य मोहन लाल बीनेवाल: बीनेवाल से मैंहिदवानी व बीनेवाल से हिमाचल की सीमा तक दोनो सडक़ो को जव बनाया गया था। उसके कुछ समय बाद ही सडक़ जगह जगह से टूटनी शुरू हो गई थी। गत दो वर्षो से तो सडक़ का दर्जनों जगहों से नामोनिशान मिट चुका है। जिससे साफ है कि सडक़ के निर्माण कार्य में घटीया मटीरियल का उपयोग किया गया है। इन सडक़ों की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और सडक़ की तुरंत रिपेयर कर चलने योगय बनाया जाए।
लोक निर्माण विभाग के एसडीओ वरिंद्र सिंह: सडक़ के टूटने के कई कारण होते है पता करेगें कि कैसे इतनी बदतर हालत हुई सडक़ की। उसके बाद ही कुछ कह सकते।
बीनेवाल मैहिदवानी व बीनेवाल हिमाचल प्रदेश की सीमा तक की सड़कों की हालत बद से बदतर
Jun 30, 2021